UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) भारत में सबसे प्रतिष्ठित और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा उन उम्मीदवारों के लिए होती है जो सिविल सेवा जैसे IAS, IPS, और IFS के पदों पर कार्य करना चाहते हैं। UPSC की परीक्षा में प्रीलिम्स, मेन्स, और इंटरव्यू तीन चरण होते हैं। इस लेख में हम UPSC के विभिन्न विषयों की गहन जानकारी देंगे और उनके महत्व को समझेंगे।
UPSC में कितने सब्जेक्ट्स होते हैं?
UPSC (Union Public Service Commission) परीक्षा, जिसे सिविल सेवा परीक्षा (CSE) कहा जाता है, में कुल 48 विषय शामिल होते हैं। इनमें सामान्य अध्ययन (GS), निबंध, भाषा आधारित पेपर, और वैकल्पिक विषय आते हैं।
UPSC परीक्षा में कुल विषयों की संख्या प्रीलिम्स और मेन्स परीक्षा के आधार पर अलग-अलग होती है।
1. प्रीलिम्स परीक्षा के विषय
प्रीलिम्स परीक्षा में दो पेपर होते हैं:
सामान्य अध्ययन (General Studies - GS):
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाएँ
भारत का इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम
भारतीय और विश्व भूगोल
भारतीय राजनीति और शासन
आर्थिक और सामाजिक विकास
पर्यावरणीय पारिस्थितिकी और जैव विविधता
सामान्य विज्ञान
CSAT (Civil Services Aptitude Test):
तार्किक योग्यता और विश्लेषणात्मक कौशल
संख्यात्मक योग्यता
रीडिंग कॉम्प्रिहेंशन
2. मेन्स परीक्षा के विषय
मेन्स परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जिनमें से 2 क्वालिफाइंग और 7 मेरिट के लिए होते हैं:
निबंध (Essay)
सामान्य अध्ययन पेपर 1 (General Studies-I):
भारतीय संस्कृति और इतिहास
आधुनिक भारतीय इतिहास
विश्व इतिहास
भारत और विश्व का भूगोल
सामान्य अध्ययन पेपर 2 (General Studies-II):
शासन व्यवस्था
संविधान
सामाजिक न्याय
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सामान्य अध्ययन पेपर 3 (General Studies-III):
अर्थव्यवस्था
प्रौद्योगिकी
पर्यावरण
आपदा प्रबंधन
सामान्य अध्ययन पेपर 4 (General Studies-IV):
नैतिकता और ईमानदारी
सिविल सेवा में नैतिक आचरण
वैकल्पिक विषय पेपर 1 (Optional Paper-I)
वैकल्पिक विषय पेपर 2 (Optional Paper-II)
क्वालिफाइंग पेपर A (भारतीय भाषा): हिंदी या अन्य कोई क्षेत्रीय भाषा
क्वालिफाइंग पेपर B (अंग्रेज़ी)
वैकल्पिक विषय (Optional Subjects)
UPSC मेन्स के लिए 48 वैकल्पिक विषयों में से एक चुन सकते हैं, जैसे:
इतिहास
भूगोल
समाजशास्त्र
लोक प्रशासन
राजनीति विज्ञान
गणित
दर्शनशास्त्र
चिकित्सा विज्ञान
UPSC के विषय कैसे चुनें?
रुचि और ज्ञान:
वह विषय चुनें जिसमें आपकी रुचि हो और जिसकी सामग्री आसानी से उपलब्ध हो।
समय प्रबंधन:
ऐसा विषय चुनें जिसे आप निर्धारित समय में अच्छी तरह से तैयार कर सकें।
पिछला प्रदर्शन:
उस विषय का चयन करें जिसका पहले के वर्षों में अच्छा सफलता दर रहा हो।
गाइडेंस और नोट्स:
विषय के लिए उपलब्ध कोचिंग और नोट्स की गुणवत्ता भी ध्यान में रखें।
निष्कर्ष
UPSC में विषयों का चयन सबसे महत्वपूर्ण चरण है, क्योंकि यह आपकी तैयारी और परिणाम दोनों को प्रभावित करता है। सही विषय चुनने और उसकी गहराई से तैयारी करने पर ध्यान दें। UPSC परीक्षा न केवल ज्ञान बल्कि धैर्य और रणनीति का भी परीक्षण करती है। अगर आप सिविल सेवा में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, तो विषयों की पूरी समझ और स्मार्ट रणनीति के साथ तैयारी करें।
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