रसीली भाभी: पहली मुलाकात (भाग 1)


रसीली भाभी: पहली मुलाकात (भाग 1)

गाँव के उस छोटे से मोहल्ले में हर दिन की शुरुआत हल्की ठंडी हवा और पक्षियों की चहचहाहट से होती थी। अर्जुन, जो कि हाल ही में शहर से वापस अपने गाँव आया था, अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अब कुछ समय अपने परिवार के साथ बिताना चाहता था। अर्जुन के मन में एक अजीब सी बेचैनी थी, जैसे कुछ खास होने वाला हो।

गाँव में आते ही अर्जुन की मुलाकात उसकी भाभी, राधिका, से हुई। राधिका एक साधारण लेकिन बेहद खूबसूरत महिला थी। उसकी बड़ी-बड़ी आँखें और शांत मुस्कान उसे और भी खास बनाती थीं। अर्जुन ने पहली बार उसे देखा, तो वह पल जैसे ठहर गया।

"अरे अर्जुन, तुम आ गए? अब तो घर में रौनक ही रौनक होगी!" राधिका ने मुस्कुराते हुए कहा।
अर्जुन ने हल्के से सिर झुकाते हुए जवाब दिया, "हाँ भाभी, अब हमेशा के लिए यहाँ रहने का सोच रहा हूँ।"

राधिका ने चाय का कप उसके हाथ में थमाया। अर्जुन ने महसूस किया कि उसकी मुस्कान में एक खासियत थी—एक गहराई, जो उसे बार-बार उसकी ओर खींच रही थी।

घर का माहौल और पहली झलक

गाँव का घर पुराना लेकिन खूबसूरत था। दीवारों पर पुराने चित्र, आँगन में तुलसी का चौरा, और रसोई से आती मसालों की खुशबू... हर चीज़ अर्जुन को अपने बचपन की याद दिला रही थी। लेकिन इस बार, सब कुछ थोड़ा अलग था। शायद इसलिए कि अब इस घर में राधिका भी थी।

राधिका ने हर दिन घर के कामों में खुद को व्यस्त रखा। अर्जुन उसे कई बार चुपचाप देखता रहता था। राधिका की सादगी और उसके बोलने का तरीका, दोनों ही अर्जुन को बहुत भाते थे।

पहला बारिश का दिन

एक दिन की बात है, आसमान में बादल घिर आए। बारिश की पहली बूँदें ज़मीन पर गिरने लगीं। अर्जुन बरामदे में खड़ा बारिश को देख रहा था, तभी राधिका आई।

"अर्जुन, बारिश में भीगना मत। ठंड लग जाएगी," राधिका ने कहा।
"भाभी, यह पहली बारिश है। इसे महसूस करना तो बनता है!" अर्जुन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।

राधिका भी मुस्कुरा दी। अर्जुन ने उसे बारिश में आने का इशारा किया, लेकिन राधिका ने मना कर दिया। अर्जुन ने ज़िद की और आखिरकार राधिका भी बारिश में आ गई।

मोहब्बत की पहली आहट

बारिश में भीगे हुए अर्जुन और राधिका की आँखें मिल गईं। अर्जुन ने पहली बार महसूस किया कि राधिका सिर्फ उसकी भाभी नहीं, बल्कि उससे कहीं ज्यादा खास थी।
"भाभी, आप बारिश में कितनी खूबसूरत लग रही हैं," अर्जुन ने धीरे से कहा।
राधिका ने कुछ नहीं कहा, लेकिन उसकी मुस्कान ने सब बयां कर दिया।

उस दिन, अर्जुन ने खुद को बदलते हुए महसूस किया। वह राधिका की हर बात, उसकी हर अदा को अब अलग नजरिए से देखने लगा था।

उस पहली बारिश ने अर्जुन के दिल में एक बीज बो दिया था। यह बीज धीरे-धीरे मोहब्बत का पेड़ बनने वाला था। लेकिन अर्जुन जानता था कि यह राह आसान नहीं होगी।

क्या अर्जुन अपनी भावनाओं को छुपा पाएगा? या यह कहानी एक नई दिशा में मुड़ जाएगी?

जारी रहेगा... 

रसीली भाभी और बारिश का एहसास : (भाग 2)

Post a Comment

1 Comments

Anonymous said…
sexyy bhai dekar khada hogya