आरव एक साधारण लेकिन अकेला युवक था, जिसने अपना अधिकांश समय एक शांत पहाड़ी गांव में बिताया। उसकी जिंदगी किताबें, संगीत, और पुराने खंडहरों की खोज में सिमट गई थी। एक दिन, गांव के पास के एक सुनसान किले में उसकी मुलाकात सिया से हुई। सिया, एक रहस्यमयी और आकर्षक लड़की, जो पहली बार देखते ही किसी पहेली जैसी लगी।
लेकिन, सिया की आँखों में कुछ ऐसा था जो आरव को बेचैन करता था—एक गहरी उदासी और डर, जो उसने कभी किसी में नहीं देखा था।
पहली मुलाकात
आरव को गांव के लोग अक्सर "खंडहर प्रेमी" कहकर चिढ़ाते थे, क्योंकि उसे पुरानी इमारतों और उनके इतिहास में गहरी रुचि थी। एक दिन, वह गांव के किले के एक खंडहर में तस्वीरें लेने गया। वहीं उसने पहली बार सिया को देखा।
सिया एक पुरानी खिड़की के पास बैठी थी, उसकी सफेद दुपट्टा हवा में लहरा रहा था। जैसे ही आरव ने उसे देखा, वह हैरान रह गया। उसने पास जाकर कहा,
"यहां कोई नहीं आता। तुम कौन हो?"
सिया ने एक पल उसे देखा और कहा, "कभी-कभी अतीत से बचने के लिए, हमें ऐसे स्थानों का सहारा लेना पड़ता है।"
आरव को उसका जवाब अजीब लगा, लेकिन उसकी आवाज़ में कुछ ऐसा था जिसने उसे जकड़ लिया।
आरव और सिया के बीच बातचीत होने लगी। हर बार सिया ने अपने बारे में बहुत कम बताया, लेकिन उसने आरव को उस किले के बारे में अनकही कहानियां सुनाई। सिया के साथ वक्त बिताना, आरव को सुकून देता, लेकिन जल्द ही उसने महसूस किया कि सिया की बातें और उसकी मौजूदगी कुछ असामान्य हैं।
एक रात, आरव ने सिया को किले के एक अंधेरे हिस्से में जाते हुए देखा। वह उसे रोकने के लिए पीछे गया, लेकिन सिया जैसे हवा में गायब हो गई। आरव डर गया, लेकिन उसने तय किया कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा।
धीरे-धीरे, आरव को पता चला कि गांव के लोग सिया को "साया" कहते हैं। यह नाम सुनकर उसके रोंगटे खड़े हो गए। लोग कहते थे कि किले में रहने वाली एक आत्मा है, जो हर पूर्णिमा की रात वहां आती है।
आरव ने इस कहानी को महज़ एक अंधविश्वास मानकर टाल दिया। लेकिन जैसे-जैसे उसने सिया के साथ समय बिताया, उसे अजीब चीजें महसूस होने लगीं—आवाज़ें, किले की दीवारों पर अजीब निशान, और सिया का अचानक कहीं गायब हो जाना।
आरव सिया के लिए अपनी भावनाओं को रोक नहीं सका। उसने सिया से एक दिन कहा,
"तुम जो भी हो, मैं तुम्हें छोड़कर नहीं जा सकता।"
सिया की आँखों में आँसू आ गए, लेकिन वह चुप रही।
एक दिन, सिया ने आरव को किले के सबसे पुराने हिस्से में बुलाया। वहां उसने आरव को अपनी सच्चाई बताई—वह सिया नहीं, बल्कि एक आत्मा थी, जो पिछले 100 सालों से इस किले में कैद थी। उसका मंगेतर उसे धोखा देकर मार चुका था, और उसकी आत्मा आज तक अपने साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिए बंधी हुई थी।
सिया ने आरव से कहा कि अगर वह उसकी आत्मा को मुक्त करना चाहता है, तो उसे एक प्राचीन किताब लानी होगी, जो किले के तहखाने में दफन है। लेकिन वह किताब एक श्रापित जगह में थी, जहां जाने वाले लोग कभी वापस नहीं लौटते।
आरव ने अपने प्यार के लिए यह जोखिम उठाने का फैसला किया। उसने किले के तहखाने में कदम रखा। वहां उसे अजीब आवाजें सुनाई दीं, दीवारों पर खून के धब्बे दिखे, और अचानक सिया की आवाजें गूंजने लगीं, "आरव, जल्दी करो!"
अंतिम मुठभेड़
क्या आरव उस श्रापित किताब को ला पाएगा?
क्या वह सिया को मुक्त कर पाएगा, या उसकी जान को खतरा होगा?
सिया और आरव का प्यार इस अंधकारमय किस्मत के खिलाफ जीत पाएगा?
0 Comments